परिचय
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डॉ. आदित्य शुक्ल: एक बहुमुखी प्रतिभा
डॉ आदित्य शुक्ल एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, लोकप्रिय लेखक, सुमधुर कवि, प्रभावी वक्ता तथा रामायण के यथार्थवादी चिंतक जैसे विशिष्ट गुणों से युक्त बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न साधक हैं। इनके व्यक्तित्व में साहित्य, आध्यात्मिकता और विज्ञान का अनोखा संगम इन्हें समाज में एक परिवर्तनकारी व्यक्तित्व बनाता है।
छत्तीसगढ़ के टेमरी-चिचोली गाँव में श्रीमती उषा देवी और डॉ. रामस्वरूप शुक्ल के पुत्र के रूप में जन्मे, डॉ. शुक्ल ने रसायन शास्त्र में पी.एच.डी., ऑपरेशन मैनेजमेंट में एम.बी.ए., और हिंदी साहित्य में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की है। वर्तमान में वे दिल्ली में वी-चैरिश लैब्स में अनुसंधान एवं विकास निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
डॉ. शुक्ल रामायण के विभिन्न प्रसंगों एवं पात्रों को वर्तमान परिपेक्ष्य में समझने तथा उनसे सीखने के लिए नए दृष्टिकोण प्रदान करने की विशेष योग्यता के कारण देश-विदेश में जाने जाते हैं। 100 से अधिक व्याख्यानों और कार्यशालाओं के माध्यम से, वे बच्चों, युवाओं, दम्पतियों, कवियों और समुदायों को श्रीराम, भरत और हनुमान के आदर्शों से प्रेरित करते हैं। उनकी सरल शैली प्राचीन ज्ञान को आज की पीढ़ी के लिए प्रासंगिक बनाती है।
लेखक के रूप में, उनकी काव्य संग्रह 'यदि मिल जाएं पंख उधार', 'आओ ‘अ’ से ‘अमन’ पढ़ें', और 'बीती बात भूलाता चल' भावनात्मक गहराई से प्रभावित करते हैं। उनकी जीवन प्रबंधन पुस्तकें, जैसे 'सफल व्यक्तित्व के हनुमान मंत्र', 'मेरे राम', और 'रामप्रिय भरत', तार्किक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से व्यक्तिगत विकास को प्रेरित करती हैं।
विज्ञान के क्षेत्र में, डॉ. शुक्ल के पास अनेक पेटेंट और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध पत्र हैं। उन्होंने अमेरिका, जर्मनी, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, स्वीडन, कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, दुबई, थाइलैंड, नेपाल आदि देशों में सम्मेलनों में भाग लिया है।
डॉ. शुक्ल व्यावसायिक उत्कृष्टता और व्यक्तिगत अभिरुचि के सामंजस्य का प्रतीक हैं। उनका कार्य विज्ञान, साहित्य और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में उनका कार्य समाज को बौद्धिक और आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है
प्रमुख विशेषताएँ
Accomplishments
- 100+ विषयों पर व्याख्यान एवं कार्यशालाओं का अनुभव
- बच्चों के लिए संस्कार शाला, युवाओं के लिए जीवन प्रबंधन
- काव्य, शास्त्र और विज्ञान का अद्भुत समन्वय
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोधपत्र एवं पेटेंट
- 15+ देशों की यात्राएं वैज्ञानिक और साहित्यिक अधिवेशनों हेतु
- रामायण पर 500+ व्याख्यान एवं कार्यशालाएं
- संस्कार शिविरों के माध्यम से 10,000+ बच्चों तक पहुँच
प्रकाशन
Publications
गैलरी
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विचार
Thoughts
"रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, जीवन जीने की शैली है।"
"विज्ञान और आध्यात्म का संगम ही मानवता का सर्वोत्तम विकास है।"
"सफलता का रहस्य स्वयं को समझने और निरंतर सीखने की प्रक्रिया में निहित है।"
संपर्क जानकारी
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